Facts About Shodashi Revealed

Wiki Article



Oh Lord, the grasp of universe. You tend to be the eternal. You will be the lord of each of the animals and all of the realms, that you are The bottom with the universe and worshipped by all, with out you I am no one.

ह्रीं श्रीं क्लीं परापरे त्रिपुरे सर्वमीप्सितं साधय स्वाहा॥

Though the specific intention or importance of the variation may perhaps vary dependant on individual or cultural interpretations, it may typically be comprehended being an prolonged invocation of your put together Power of Lalita Tripurasundari.

दक्षाभिर्वशिनी-मुखाभिरभितो वाग्-देवताभिर्युताम् ।

सा नित्यं मामकीने हृदयसरसिजे वासमङ्गीकरोतु ॥१४॥

ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।

The trail to enlightenment is usually depicted being an allegorical journey, Using the Goddess serving since the emblem of supreme electrical power and Strength that propels the seeker from darkness to gentle.

ह्रीं‍श्रीर्मैं‍मन्त्ररूपा हरिहरविनुताऽगस्त्यपत्नीप्रदिष्टा

कामाकर्षिणी कादिभिः स्वर-दले गुप्ताभिधाभिः सदा ।

॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥

If you are chanting the Mantra for a selected intention, write down the intention and meditate on it 5 minutes right before starting With all the Mantra chanting and five minutes after the Mantra chanting.

These gatherings are not simply about personal spirituality but in addition about reinforcing the communal bonds as a click here result of shared experiences.

वन्दे वाग्देवतां ध्यात्वा देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१॥

॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥

Report this wiki page